Category: Hindu Law
हिंदू कानून, एक ऐतिहासिक शब्द के रूप में, ब्रिटिश भारत में हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों और सिखों पर लागू कानूनों के कोड को संदर्भित करता है।
मिताक्षरा हिन्दू विधि के अन्तर्गत विभाजन का क्या अभिप्राय है ?
मिताक्षरा हिन्दू विधि के अन्तर्गत विभाजन का क्या अभिप्राय है ? विभाजन का अर्थ – मिताक्षरा विधि के अनुसार विभाजन के दो विशिष्ट अर्थ होते हैं— ( 1 ) पारिवारिक
Read Moreएक संयुक्त परिवार के कर्त्ता की शक्तियों की विवेचना कीजिए ।
एक संयुक्त परिवार के कर्त्ता की शक्तियों की विवेचना कीजिए । कर्ता ( प्रबन्धक ) – अविभाजित परिवार की सम्पत्ति की व्यवस्था तथ देखभाल एवं परिवार का संचालन जिस व्यक्ति
Read Moreएक सहदायिक के अधिकारों की विवेचना कीजिए
एक सहदायिक के अधिकारों की विवेचना कीजिए सहदायिक के अधिकार ( Rigths of the Copercenner ) – सहदायिक सम्पत्ति में सहदायिकों के अग्रलिखित अधिकार हैं ( 1 ) जन्मना अधिकार
Read Moreसहदायिकी सम्पत्ति, पृथक् सम्पत्ति और पैतृक सम्पत्ति में सम्बन्ध
सहदायिकी सम्पत्ति, पृथक् सम्पत्ति तथा पैतृक सम्पत्ति के सम्बन्ध में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। सहदायिकी सम्पत्ति-सहदायिकी सम्पत्ति को संयुक्तं परिवार की सम्पत्ति भी कहा जाता है। सहदायिकी सम्पत्ति वह होती है
Read Moreहिन्दू सहदायिकी तथा संयुक्त हिन्दू परिवार में क्या अन्तर है ?
हिन्दू सहदायिकी तथा संयुक्त हिन्दू परिवार में क्या अन्तर है ? मिताक्षरा विधि के अन्तर्गत संयुक्त हिन्दू परिवार – हिन्दुओं में परिवार प्राचीन और सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानव संस्था है ।
Read Moreमिताक्षरा और दायभाग में अंतर
मिताक्षरा तथा दायभाग शाखाओं में क्या अंतर है । मिताक्षरा और दायभाग -मूल रूप से हिन्दू विधि की दो शाखाएँ हैं- प्रथम मिताक्षरा तथा दूसरा दायभाग । इन दोनों पद्धतियों
Read Moreहिन्दू विधि की शाखाएँ
हिन्दू विधि की शाखाएँ | Schools of Hindu Law हिन्दू विधि की शाखाएँ – मूल रूप से हिन्दू विधि की दो शाखायें हैं — प्रथम मिताक्षरा तथा दूसरी दायभाग ।
Read Moreहिन्दू विधि के स्रोत | Source of Hindu Law
हिन्दू विधि के स्रोत | Source of Hindu Law हिन्दू विधि के स्रोत -Sources of Hindu Law – प्राचीन मत के अनुसार विधि एवं धर्म में एक अभिन्न सम्बन्ध था
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